ऍंग्रेजी को ' चलाते रहने ' की जो सुविधा दे दी गई है उसने उसे प्रमुख और हिन्दी को गौण भाषा बना दिया है.
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विडम्बना यह है कि, आज जबकि पूरे विश्व के कम्प्यूटर वैज्ञानिक संस्कृत में विशाल वैज्ञानिक सम्भावनाएँ देख रहे हैं, हमारे अपने ही देश में संस्कृत एक गौण भाषा बनकर रह गई है और उसके पुनरुत्थान के विषय में न तो सरकार सोचती है और न ही सामान्य जन।
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विडम्बना यह है कि, आज जबकि पूरे विश्व के कम्प्यूटर वैज्ञानिक संस्कृत में विशाल वैज्ञानिक सम्भावनाएँ देख रहे हैं, हमारे अपने ही देश में संस्कृत एक गौण भाषा बनकर रह गई है और उसके पुनरुत्थान के विषय में न तो सरकार सोचती है और न ही सामान्य जन।